एक माह में चेतकपुरी सडक़ छठवीं बार धंसकी, 4.9 करोड़ खर्च कर बनी थी सडक़

Jul 01 2025

ग्वालियर। 18 करोड़ के प्रोजेक्ट में शामिल चेतकपुरी सडक़ एक माह में छठवीं बार धंसकी है। चेतकपुरी सडक़ को बनाने में 4.9 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जिसमें निगम अफसरों ने ठेकेदार के साथ मिलकर सडक़ के बजाए लोगों के लिए खाई खोदी।
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उक्त सडक़ बनने के बाद एक माह भी नहीं चल पाई और धंसक गई, जिसमें कई मीटर गहरे बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। एक बार फिर सडक़ धंसकी है। एक माह में ही सडक़ छठवीं बार धंसकी है, जिसे लेकर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए।
चेतकपुरी सडक़ को ग्वालियर में एक मॉडल के तौर पर बनाकर तैयार किया गया था। जिसमें नगर निगम ने 18 करोड़ रुपए खर्च किए थे। सडक़ बने हुए एक माह भी नहीं बीता कि पहली ही बारिश में यह धंसक गई। जिसे निगम अफसरों ने गिट्टी भरवा दी, लेकिन यह सिलसिला यही नहीं रूका, सडक़ बारिश लगातार होने से जगह-जगह से धंसकना शुरू हो गई। 
बारिश के चलते सडक़ की गुणवत्ता भी सामने आ गई, जिसे निगम कभी मॉडल व बेहतर सडक़ के रूप में प्रदर्शित कर रही थी। लेकिन अब निगम अफसर सडक़ धंसकने के बाद सामने आने को तैयार नहीं है।
वहीं निगमायुक्त संघ प्रिय ने सडक़ धंसकने के बाद मामले में उपयंत्री आशीष राजपूत को तो सस्पेंड कर दिया। लेकिन सडक़ निर्माण के असल व अहम जिम्मेदारों पर खास कार्रवाई नहीं की। जिनमें अधीक्षण यंत्री व कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री तक शामिल हैं। खास बात यह रही है कि निगमायुक्त ने मामले में ठेकेदार पर भी कार्रवाई नहीं की, न तो घटिया सडक़ बनाने पर जुर्माना किया और न ही उसे ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी की।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
शहर में निगम व प्रशासन की छवि चेतकपुरी सडक़ धंसकने के बाद खराब हुई। जिसमें निगम अफसरों के भ्रष्टाचार व ठेकेदार के घटिया निर्माण की चर्चा है। अब मामले में कलेक्टर रूचिका चौहान ने जांच के आदेश दिए हैं। जिसमें जांच की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी ईई देवेंद्र भदौरिया, पीएमजीएसवाय के जीएम एमआई कुरैशी को दी गई। जिन्हें 5 दिन के भीतर घटिया सडक़ के जिम्मेदारों की कमियों को उजागर कर रिपोर्ट पेश करनी है।