कॉलेजों में बेतहाशा फीस वृद्धि, प्रदेश के गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश-एआईडीएसओ

Jun 22 2025

ग्वालियर। क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में की गई बेतहाशा फीस वृद्धि के खिलाफ एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह पंवार ने बयान जारी कर कहा कि क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय को बने अभी एक साल भी पूरा नही हुआ है और जिले के आम छात्रों को इस सत्र की शुरुआत में ही यूनिवर्सिटी से बाहर का रास्ता दिखाने की साजि़श शुरू हो गई है। 
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान शैक्षणिक सत्र में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों की फीस छह गुना तक बढ़ा दी गई है। पिछले सत्र चुनावी घोषणा के बाद इस यूनिवर्सिटी की नींव डाली गई तो छात्र -छत्राओं में एक उम्मीद जागी थी कि अब उनको अपने जिले में ही बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे और छात्रों को पढऩे के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन ये उम्मीद इतनी जल्दी टूट भी जाएगी ये नही सोचा था।
खरगोन यूनिवर्सिटी में की गई बेतहाशा फीस वृद्धि भी एनईपी 2020 जो कि पूरी तरह शिक्षा के व्यापारीकरण को बढ़ाने के मकसद से लाई जाएंगे। इसी नीति का एक और दुष्परिणाम है जो तमाम आम गरीब छात्रों को पूरी तरह उच्च शिक्षा से ही वंचित कर देगा। एक तरफ मध्यप्रदेश के 94 हजार सरकारी स्कूलों को संसाधनों की कमी का बहाना बताकर बंद किया जा रहा है और दूसरी तरफ उच्च शिक्षा में संसाधन जुटाने के नाम पर छात्रों से मोटी फीस वसूलने का फरमान लाया जा रहा है।
इन नीतियों का यही नतीजा होगा कि आम गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के लिए एक-एक करके शिक्षा के सभी रास्तों को बंद करना, और लाखों की फीस बढ़ाकर मु_ीभर लोगों के हाथों शिक्षा को संकुचित कर देना। खरगोन यूनिवर्सिटी के छात्र भी इसी नीति शिकार बनने जा रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी में आसपास के कई गांवों और जिले के गरीब और आदिवासी अंचल के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने आते हैं। यह पूरा इलाका सामाजिक विकास से अभी भी पीछे है। लेकिन यह नया फीस स्ट्रक्चर इसे प्रदेश का सबसे महंगा विश्वविद्यालय बना देगा और शायद जल्द ही इसे पीपीपी मोड के माध्यम से निजी हाथों में दे दिया जाए जो कि आम छात्रों के विरोध में उठाया जाने वाला एक अन्यायपूर्ण कदम है।
इसलिए छात्र संगठन एआईडीएसओ छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए मांग करता है कि टंट्या भील विश्वविद्यालय में की गई बेतहाशा फीस वृद्धि को तत्काल प्रभाव से वापस ली जाए। सरकार व यूजीसी विश्वविद्यालय व कॉलेजों के लिए संसाधनों के लिए पर्याप्त बजट आवंटन सुनिश्चित करे। छात्रों पर नित नए प्रहार कर शिक्षा को बर्बाद करने वाली नीप 2020 को तत्काल रद्द किया जाए। 
एआईडीएसओ प्रदेश के सभी छात्रों से फीस वृद्धि सहित अन्य सभी शिक्षा विरोधी कदमों के खिलाफ सशक्त आंदोलन संगठित करने की अपील करता है।