अपने आपको समझने में साहित्य उत्कृष्ट माध्यम:संतोष चौबे

Jun 22 2025

ग्वालियर। मनोविज्ञान एक नकली सम बनाता है, इसलिए अपने आप को सही रूप से समाने में साहित्य उत्कृष्ट माध्यम है। विचारधारा, प्रेम करुणा और आत्मीयता का आधार मानव जीवन में एकात्मता एवं परिदृश्यता साहित्य में समाहित होनी चाहिए। 
यह बात मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा के तत्वावधान में आयोजित प्रांतीय साहित्यकार अधिवेशन के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि शिक्षाविद्, साहित्यकार संतोष चौबे ने कही। 
मेला ग्राउंड के शुभस्वागतम गार्डन में प्रारंभ हुए कार्यक्रम का विषय उभरते भारत का रचना संसार रहा। उदघाटन सत्र की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुशील चंद्र त्रिवेदी ने की। विशेष रूप से अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराडक़र मौजूद रहे। 
इस मौके पर कुछ साहित्यकारों का सम्मान भी किया गया। सम्मानित होने वाले साहित्यकारों में अशोक जमनानी, जवाहर द्विवेदी, दिनेश वाल्मीकि, प्रमोद भार्गव एवं कुमकुम गुप्ता आदि शामिल थे। अतिथियों ने इंगित पत्रिका का विमोचन भी किया।