कैकई ने प्रभु श्रीराम के लिए मांगा वनवास

Oct 07 2024

ग्वालियर। फूलबाग मैदान में चल रही रामलीला में राजा दशरथ को आभास होता है कि अब मैं बूढ़ा हो चला हूं और मुझे पुत्र श्री राम को अयोध्या का राजा बना देना चाहिए। वे अपने गुरू से विचार विमर्श करने के पश्चात श्रीराम को अयोध्या का राजा बनाने की घोषणा करते हैं। कैकई की दासी मंथरा को बहुत बुरा लगता है और रानी कैकई के कान भर देती है कि यह सही समय है अपने दो वचन राजा दशरथ से मांगने का और राजा दशरथ मना नहीं करेंगे। कैकई मंथरा के बेहकावे में आकर कोप भवन में चली जाती है। 
जब राजा दशरथ को पता चलता है तो वे कैकई के पास पहुंचते हैं और कोप भवन में आने का कारण पूछते हैं। तब कैकई अपने दो वचन मांगने के लिए कहती है। राजा दशरथ कहते कि मांगो जो मांगना है। 
तब कैकई श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने के लिए कहती है। यह सुनकर राजा दशरथ मूर्छित हो जाते है। अपने वचन के कारण श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजा बनाने की घोषणा करते है। जब श्री राम को पता चलता है तो वे खुशी-खुशी वन जाने के लिए तैयार हो जाते है।