कृषि आधारित व्यापार में बहुत अधिक संभावनाएं: डॉ. अरविंद शुक्ला

Jul 15 2024

ग्वालियर। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अरविंद शुक्ला ने कहा है कि कृषि आधारित व्यापार में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। यदि किसान उन्नत तकनीक से खेती करेंगे तो उनकी समृद्धि बढेगी। ग्वालियर में मोटे अनाज की प्रोसेसिंग, मशरुम के उत्पादन एवं प्रोसेसिंग के अलावा अमूल मॉडल को अपनाने की जरुरत है। कृषि विश्वविद्यालय में हवा में आलू उगाने की तकनीक पर तेजी से काम हो रहा है।
पोटैटो पाउडर का उत्पादन भी किया जा सकता है क्षेत्र में बहुत स्कोप है। फूलों की खेती करके फूलों से नेचुरल कलर निकाला जा सकता है जिसकी कीमत हजारों लाखों में होती है। व्यापारियों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि जो उद्योग आय बढ़ाकर दोगुनी कर सकते हैं उन पर अधिक ध्यान देने की जरुरत है।
मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के डीपी मंडेलिया सभागार में फूड प्रोसेसिंग पर आयोजित चर्चा में मुख्य अतिथि अरविन्द शुक्ला ने कहा कि ग्वालियर -चंबल क्षेत्र में मोटे अनाज का उत्पादन बहुत अधिक होता है पर उसका उपयोग इतना नहीं हो पाता क्योंकि अधिकांश मोटा अनाज गुडग़ांव, दिल्ली, करनाल जैसे शहरों से बड़ी कंपनियां प्रोसेसिंग के लिए ले जाती हैं और प्रोसेसिंग के पश्चात मंहगे दामों में हमें बेच देती हैं। 
प्रोसेस्ड (परिष्कृत) अनाज में न्यूट्रीशियन बहुत कम हो जाते हैं। गेहूं से छिलका अलग कर देने के बाद जो हम खाते हैं वह भूसा खा रहे हैं, सारे न्यूट्रिशन तो छिलके में ही निकल जाते हैं। ग्वालियर चम्बल में भी गुजरात के अमूल मॉडल की तर्ज पर कोऑपरेटिव सोसाइटीज बनाकर दूध के उत्पादन एवं व्यवसाय को व्यवस्थित किया जा सकता है। दूध के फैट की अलग-अलग कैटेगरी बनाकर 54 रु. लीटर दूध के 144 रु प्रति लीटर कीमत प्राप्त कर सकते हैं।
कोऑपरेटिव में किसान व्यापारी वैज्ञानिक सभी शामिल होते हैं इसलिए कोऑपरेटिव में सभी का विश्वास होता है। आपने कहा इस क्षेत्र में आलू एवं फूलों की खेती के व्यापार की भी अपार संभावना है।