कलश यात्रा के साथ भागवत कथा हुई प्रारंभ

May 04 2024

ग्वालियर। दौलतगंज स्थित राजा बाक्षर की गोठ के राजा बाक्षर मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई। कथा पूर्व शीतला माता मंदिर गुब्बारा फाटक मैथिली शरण गुप्त चौराहे से कलश यात्रा निकाली गई जिसमें माता बहने पीले साड़ी पहनकर बैंड बग्गी के साथ शोभा यात्रा में सम्मिलित हुई। जिसमें भागवताचार्य घनश्याम शास्त्री महाराज बग्गी मैं विराजमान होकल चल रहे थे।
कलश यात्रा का समापन राजा बाक्षर मंदिर में हुआ। भागवताचार्य घनश्याम शास्त्री महाराज ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि महात्मय ज्ञान के बिना प्रेम चिरंजीव नहीं होता, अस्थायी हो जाता है। भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। 
उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है। बस आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ श्रवण करने की। भागवत के श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होने के साथ प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है भागवत कथा में पहले दिन कथा व्यास ने भगवान के विराट रूप का वर्णन किया आज की कलश यात्रा में राजा बाक्षर मंदिर के गद्दीनसीन तरुण सूर्यवंशी परीक्षित अनीता सुरेश बंसल सहित अनेक श्रोतागण उपस्थित थे।