संसारी जीवों के लिए गुरुज्ञान ही वैतरणी नौका:वासुदेवानंद
Apr 23 2024
ग्वालियर। संत आशाराम बापू आश्रम मुरैना में आयोजित गीता भागवत सत्संग कार्यक्रम में अखंड ब्रह्मचारी वासुदेवानंद ने अपने प्रवचन में कहा कि संसार के दैहिक दैविक भौतिक तीन तापों से रक्षा के लिए केवल गुरु ज्ञान रूपी सत्संग गंगा है। जिसमें डुबकी लगाकर चोरासी के आवागमन से मुक्त होकर ब्रह्मस्वरूप हो जाओगे। इसके लिए साधक को सेवा साधना सहज मार्ग है। गंगा में स्नान करने पर पुण्य मिलता है पर डूबने का खतरा बना रहता है। परंतु गुरु ज्ञान में गोता लगाने पर संसार सागर से पार हो जाता है यह निश्चित है।
गुरु आज्ञा पालन में शबरी तो तर गई परंतु सोने की लंका में रावण अहंकार में डूब कर नष्ट हो गया पूरी दुनियां जानती है। अत: मनुष्य के लिए संत महापुरुष चलते फिरते तीर्थ है इनके वचनों को शिरोधार्य कर अपना कल्याण कर लेना ही मानव जीवन का परम उद्देश्य है।
मुरैना आश्रम में वासुदेवानंद के पधारने पर श्री योग वेदांत सेवा समिति के पदाधिकारीयों द्वारा माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने वासुदेवानंद की अमृत वाणी का रसपान कर पुण्य प्राप्त किया। आसपास के साधक भक्तों को आश्रम पहुंचने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई थी। यह जानकारी मीडिया प्रभारी बलबीर सिंह परमार ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में दी।
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