शिवानी ने मांग में सिंदूर भरवाकर लड्डू गोपाल को सौंपा जीवन, वृंदावन के लिए विदा हुई

Apr 18 2024

ग्वालियर। शिवानी ने कृष्ण भक्त मीरा की तरह भगवान लड्डू गोपाल को अपना सारा जीवन सौंप दिया है। इसके गवाह ग्वालियर और मथुरा के सैकड़ों लोग बने। ग्वालियर में भगवान श्रीकृष्ण ने 23 वर्षीय शिवानी परिहार की मांग भरी, सात फेरे लेकर विवाह रचाया और शिवानी ने अपना पूरा जीवन उनके चरणों में सौंप दिया। वृंदावन से बारात के रूप में लड्डू गोपाल को ग्वालियर विवाह रचाने के लिए ले जाया गया। बारात के साथ  गुरुवार को शिवानी वृंदावन के लिए विदा हो गईं।  शिवानी ने बताया 4-5 दिन बाद दूसरी विदाई होगी, इसके एक महीने बाद फिर वृंदावन जाऊंगी। वहां 4-5 साल रहकर अध्ययन करूंगी। भागवत और शिव पुराण पढ़ूंगी। मैं शिव जी को भी बहुत मानती हूं।
देशभर में चल रहे शादी-विवाह के सीजन के बीच ग्वालियर में एक अनूठी शादी हुई, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। इसे देखने के लिए लोग ही नहीं साधु-संतों की भी भीड़ उमड़ी। ग्वालियर की रहने वाली 23 साल की ग्रेजुएट शिवानी ने अपने इष्ट भगवान कन्हैया यानी कान्हा जी के साथ सात फेरे लिए। इस शादी की धूम कई दिनों से चल रही थी।
 शादी से पहले हल्दी से लेकर मेंहदी और तेल से लेकर मंडप तक के सारे उत्सव हुए और अब सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में पाणिग्रहण संस्कार हुआ। जिसमें शिवानी ने अपने प्रिय कान्हा जी के साथ फेरे लिए और पूरी तरह से कान्हा जी की हो गईं।
शिवानी को ब्याहने कान्हा जी अकेले नहीं पहुंचे, बल्कि वे वृंदावन से साधु-संतों की पूरी बारात लेकर ग्वालियर पहुंचे। उनकी बारात में वृंदावन से सात लोग आए। जिनमें वृंदावन के रमेश भाई, गुरु भाई चरणदास महाराज, पुजारी राहुल रजक आदि शामिल रहे। बारातियों का शिवानी के परिजनों और इष्ट मित्रों ने कैसर पहाड़ी स्थित मंदिर पर स्वागत किया। इसके बाद शादी की रस्में पूरी हुईं और शिवानी ने कान्हा जी के साथ सात फेरे लिए। इस मौके पर जुटी सैकड़ों महिलाओं ने मंगल गीत गाए। साथ ही साथ गारी और ज्योनार के गाने भी गाए गए और नृत्य भी किया।
5 अप्रैल से शुरू हुए कार्यक्रम
शिवानी की मां मीरा परिहार ने बताया कि उनके घर पर शिवानी के विवाह कार्यक्रम 15 अप्रैल से शुरू हो गए थे। पहले दिन हल्दी और तेल, दूसरे दिन मण्डप और अब बारात का आगमन हुआ। इसके बाद सनातन रीति रिवाज के साथ पाणिग्रहण संस्कार हुआ। इस दौरान मां और पिता राम प्रताप परिहार ने कन्यादान किया और फिर सैकड़ों लोगों ने पांव पखरायी भी की।
ग्वालियर के न्यू बृज विहार कॉलोनी में रहने वाली शिवानी अब भगवा वस्त्र में दिखाई देने लगी हैं। शिवानी ने साफ कर दिया कि वे शादी करेंगी तो सिर्फ अपने लड्डू गोपाल से ही। इनके पिता रामप्रताप परिहार और माता मीरा परिहार ने इस विवाह का विरोध जरूर किया, लेकिन बेटी के हठ के आगे वह भी उसे मान्यता देने को मजबूर हो गए। शिवानी ने बीकॉम तक शिक्षा ग्रहण की है।
 शिवानी कहती हैं कि लड्डू गोपाल से विवाह करने का बचपन से ही मेरा एक सपना था। अक्सर कान्हा ही उसके सपने में आते हैं और सपने में शादी की रस्में होती हैं। जिसे अब हकीकत का रूप दिया गया है। मैंने अपना पूरा जीवन लड्डू गोपाल को सौंप दिया है। मैं किसी दूसरे के घर नहीं जाना चाहती थी।  जिसने हमें शरीर दिया है, उसको ही पूरा जीवन सौंप दिया है।
बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की दीवानी थी शिवानी
शिवानी को बचपन से ही भगवान लड्डू गोपाल के प्रति भक्ति भाव था और युवा होने के बाद उसने तय कर लिया कि वह भगवान कृष्ण से ही विवाह करेंगी। शिवानी के पिता राम प्रताप परिहार ग्वालियर में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते है। वहीं मां मीरा परिहार गृहणी है। इनकी 2 बेटियां हैं, बड़ी बेटी की शादी हो चुकी हैं और शिवानी ने लड्डू गोपाल से विवाह कर उनको पूरे ग्वालियर सहित दूर-दूर तक चर्चित कर दिया है।