6 महीने बाद भी फरार हैं दस-दस हजार के इनामी पुलिसकर्मी
Mar 26 2024
ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगते ही नए पुराने बदमाशों, वारंटियों, हिस्ट्रीशीटरों की पुलिस तलाश कर रही है। पर छह महीने से फरार तीन पुलिसकर्मी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। इसे पुलिस की असफलता माना जाए या अपने साथियों के प्रति लचर और लापरवाही कार्रवाई समझा जाए।
18 सितंबर 2023 को क्रिकेट सटोरियों से 23 लाख रुपए की अड़ीबाजी करने वाले क्राइम ब्रांच के दो जवान व गोला का मंदिर थाना के सब इंस्पेक्टर को फरार हुए 6 महीने हो चुके हैं। इन पर एसपी की ओर से 10-10 हजार रुपए का नकद ईनाम भी घोषित है। अब समझ यह नहीं आ रहा कि पुलिस इनको पकडऩा नहीं चाहती है या फिर आरोपी पुलिस वाले हैं इसलिए पुलिस के सारे पैंतरों से रूबरू हैं। छह महीने से यह पूरे पुलिस विभाग को चकमा दे रहे हैं।
आपको बतादें कि 18 सितंबर 2023 की रात को गोला का मंदिर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक मुकुल यादव को थाना सिरोल के अंतर्गत आने वाली एमके सिटी टाउनशिप के फ्लैट नंबर-105 में क्रिकेट पर सट्टा लगवाने की खबर मिली थी। एसआई ने इसकी सूचना क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक विकास तोमर और आरक्षक राहुल यादव को दी। इसके बाद तीनों एमके सिटी के फ्लैट नंबर 105 में पहुंचे। बताया जाता है कि इनके साथ एक निजी व्यक्ति भी था। इन लोगों ने फ्लैट में घुसकर 15 सट्टेबाजों को पकड़ा था, तीनों पुलिसकर्मियों ने इन सटोरियों के पास से 10 हजार रुपए नकद व दो मोबाइल छीन लिए थे। जब पुलिस ने इनके मोबाइल देखे तो उसमें लाखों रुपये का हिसाब-किताब मिलते ही पुलिसकर्मियों की नीयत बदल गई। यहां एसआई मुकुल यादव ने अपनी पिस्टल दिखाकर सटोरियों को धमकाया और उनसे बैंक खातों की जानकारी मांगी। इसके बाद नेट बैंकिंग का पासवर्ड पूछा और दो खातों से 23 लाख 25 हजार रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की थी।
तीनों पुलिसकर्मियों के द्वारा की गई कार्रवाई की खबर तो पुलिस अफसरों तक पहुंची लेकिन इसमें हुए खेल की जानकारी अफसरों को नहीं थी। लेकिन सुबह होते ही अड़ीबाजी की खबर पुलिस के आला अफसरों तक भी पहुंच गई थी। जब सटोरियों के बयान लिए तो उन्होंने अड़ीबाजी की पूरी कहानी का खुलासा किया। सभी आरोपी दतिया जिले के रहने वाले थे। इसी बीच प्रदेश के एक तत्कालीन मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 23 लाख रुपए की अड़ीबाजी करने वाले सब इंस्पेक्टर, हवलदार व सिपाही पर मामला दर्ज कर उन्हें निलंबित किया गया था। तत्कालीन एसपी ने उन पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया था। तभी से यह तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं।
तत्कालीन एसपी राजेश सिंह चंदेल ने क्राइम ब्रांच के एएसपी शियाज केएम को इस मामले की जांच सौंपी थी। एएसपी ने जांच की और तीन सटोरियों के दोबारा बयान लिए गए थे। बयान में तीनों पुलिसकर्मियों द्वारा उनसे 23.25 लाख रुपए हथियार की दम पर डरा धमकाकर वसूलने की पुष्टि हुई थी। तभी से तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं। पुलिस के लिए पुलिस वाले आरोपियों को पकडऩा ही चुनौती बना हुआ है। 6 महीने बाद भी एक भी आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। तीनों फरार आरोपी पुलिस से जुड़े रहे हैं इसलिए वह पुलिस से बचने के पैंतरे अच्छी तरह जानते हैं।
इस मामले में सीएसपी हिना खान का कहना है कि मामले की जांच और आरोपियों की तलाश जारी है, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है। फिलहाल और कुछ नहीं कह सकती हूं।
संपादक
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