संस्कृत है तो संस्कार है, संस्कार है तो संस्कृत है - प्रो.अविनाश तिवारी

Sep 27 2023

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय व महाकवि भवभूति शोध एवं शिक्षा समिति द्वारा विश्वविद्यालय के गालव सभागार में संस्कृत दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व विद्वानों के वैदिक मंगलाचरण से हुआ। तत्पश्चात शासकीय संस्कृत महाविद्यालय ग्वालियर की छात्रा कु. शर्मिष्ठा व पूर्वा सिंह द्वारा सरस्वती वन्दना का गायन किया गया। अतिथियों का वाचिक स्वागत छात्र कल्याण अधिष्ठाता जीवाजी विश्वविद्यालय प्रो. एसके द्विवेदी द्वारा किया गया। अतिथि परिचय डॉ. मनीष खैमरिया ने करवाया। कार्यक्रम की रूपरेखा व प्रस्तावना डॉ. विष्णु नारायण तिवारी  ने प्रस्तुत किया। इस उपलक्ष्य में संस्कृत कार्य व सर्वदा संस्कृतचिन्तन में निरत रहने वाले विद्वानों को शॉल श्रीफल से सम्मानित किया गया।
मुख्यातिथि प्रो. राजेश्वर प्रसाद मिश्र ने संस्कृत सबको पढने की प्रेरणा देते हुए उसके धार्मिक व आध्यात्मिक पक्ष प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने संस्कृतभाषा के देवभाषा से मानवों की भाषा बनने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने कहा कि जेयू संस्कृत को लेकर गंभीर रहा है। संस्कृत को हम और बढ़ावा देना चाहते हैं। हम जल्द ही संस्कृत पीठ की स्थापना करेंगे। उन्होंने कहा कि संस्कृत है तो संस्कार है और संस्कार है तो संस्कृत है। संस्कृत कम शब्दों में ज्यादा भावों को प्रकट करता है। आगन्तुको का आभार प्रो. एस.के द्विवेदी द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ. अशोक विश्नोई व आभार प्रदर्शन डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने किया। इस मौके पर संस्कृत के विभिन्न विद्वानजन सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।