पुलिस बोली- धोखा हो गया, 14 घंटे बीते कार्रवाई शून्य

Sep 26 2023
ग्वालियर। सर हम बच्चों को मंगलवार को पढऩे के लिए भेजें या नहीं। गुर्जरों द्वारा बीते रोज मचाए गए तांडव से खौफजदा अभिभावकों द्वारा मंगलवार सुबह से ही अपने बच्चों के कोचिंग इंस्टीट्यूट पर कॉल करके इस तरह की इंक्वायरी की गई। उधर जिम्मेदार अफसरों द्वारा बचकाना बयान देते हुए पुलिस के साथ धोखा होने की बात कही जा रही है। घटना के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करते हुए सिर्फ एफआईआर दर्ज करने की औपचारिकता निभा ली गई है।
गौरतलब है कि बीते रोज फूलबाग पर आयोजित गुर्जर महाकुंभ के बाद भडक़ी भीड़ द्वारा जैसे ही उपद्रव किया गया, वैसे ही शहर के अधिकांश कोचिंग सेंटर्स पर पढऩे आने बच्चों के पैरेंट्स को सूचित कर दिया गया, कि वह वैन से उनके बच्चों को घर नहीं पहुंचा पाएंगे। जिससे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित पैरेंट्स हड़बड़ाते हुए उन्हें लेने के लिए निकल पड़े। जिससे सिटी सेंटर्स सहित अन्य जगहों पर स्थित बड़े कोचिंग सेंटर्स पर अफरातफरी की स्थिति बनी रही।
इसे देख अभिभावक मंगलवार सुबह भी कोचिंग सेंटर्स पर कॉल करके पूछते नजर आए, कि वह अपने बच्चों को पढऩे के लिए पहुंचाएं अथवा नहीं। वहीं कोचिंग संचालक भी बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर वर्तमान में या स्थिति है, यह जानकारी लेते रहे।
नौसीखिए अफसरों को क्यों सौंपी कमान
राजस्थान और हरियाणा में किए गए आंदोलनों में गुर्जरों द्वारा किस तरह का हंगामा बरपाया गया था, यह किसी से छुपा नहीं है। उसके बावजूद पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने इस इवेंट को बेहद हल्के लेते हुए नौसीखिया अफसरों को इसकी सुरक्षा की कमान सौंप दी। जिसका क्या हश्र हुआ, यह सबके सामने है।
कैसे निपटेंगे शांतिपूर्ण चुनाव
आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना हैं, जिसमें कई बार हंगामे व अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। जब पहले से घोषित कार्यक्रम में ही पुलिस पूरी तरह से फेल हो गई, ऐसे में उससे शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव निपटाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। क्योंकि इलेक्शन में तो यह पता ही नहीं होगा कि कब कहां क्या होने वाला है। वहां ऐसे ढीले व नौसीखिया अफसरों के जरिए काम नहीं चलेगा, बल्कि त्वरित और सटीक निर्णय लेने वाले अफसरों की दरकार होगी।
यहा-यहां हुई चूक
पुलिस की खुफिया शाखा इस तरह के आयोजन से पहले जानकारी जुटाती है और नजर रखती है, कि कार्यक्रम से यातायात तो अनियंत्रित नहीं होगा। आने वाली भीड़ बड़ी तो उसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम से क्या प्रभाव पड़ेगा।
पुराने घटनाक्रमों का अध्यन नहीं किया गया। अगर पुराने मामलों की जानकारी अफसरों के पास होती तो इतनी भीड़ एकत्रित नहीं होती और कार्यक्रम से पहले आयोजन करने वालों से पुलिस अफसर चर्चा करते तो यह हालात नहीं बनते।
दोपहर से ही हंगामे के आसर बनने लगे थे, लेकिन कहीं की भी पुलिस अलर्ट नहीं थी और उपद्रवी हंगामा करते हुए कलेक्ट्रेट तक जा पहुंचे और इसके बाद गदर मचा दिया। इनके सामने पुलिस या आमजन जो आया, वह इनका शिकार बना।
याचिकाकर्ता ने बार-बार किया आगाह
सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा के मामले को कोर्ट में लेकर जाने वाले याचिकाकर्ता द्वारा बीते रोज आयोजित हुए गुर्जर महाकुंभ को लेकर बार-बार पुलिस व प्रशासन के आला अफसरों को आगाह किया गया, कि उक्त आंदोलन के जरिए उपद्रव फैलाया जा सकता है। उसके बावजूद किसी ने उसकी बात को महत्व नहीं दिया।
धारा 144 लागू, फिर कैसे दी परमीशन
शहर में धारा 144 लागू है, उसके बावजूद शहर के बीचों बीच इतने बड़े आयोजन की परमीशन आखिर किस आधार पर दे दी गई। जबकि पूर्व में कई बार छोटे-छोटे आयोजनों को भी उक्त नियम का हवाला देकर निरस्त करवाया जा चुका है।
हंगामे के एक दिन बाद आज मंगलवार को पुलिस अफसरों ने शहर के कई स्थानों पर पुलिस तैनात की है, जिससे कहीं पर उपद्रव ना हो, जबकि महापंचायत के दौरान इस तरह की व्यवस्था होती तो हालात नहीं बिगड़ते।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
पुलिस ने हंगामा और उपद्रव के लिए सांसद मलूक नागर, अतुल प्रधान विधायक समाजवादी पार्टी, रविन्द्र भाटी आजाद समाज वादी पार्टी, हर्षिता गुर्जर, राकेश मावई विधायक मुरैना, भूपेन्द्र कराना निवासी मेहगांव, रामप्रीत गुर्जर, सरगम, रूपेश, लोकेन्द्र गुर्जर, आकाश गुर्जर, बनवारी गुर्जर, देबू गुर्जर, निहाल सिंह गुर्जर, दिनेश कंषाना, मानवेन्द्र गुर्जर, भूपेन्द्र गुर्जर, लोकेन्द्र गुर्जर निवासी गोहद, प्र्रशांत गुर्जर, पिंटू गुर्जर, प्रदीप गुर्जर, मनोज गुर्जर, गिर्राज गुर्जर, भान सिंह गुर्जर, छोटे गुर्जर, सतेन्द्र घुरैया, जण्डेल गुर्जर, नरेन्द्र गुर्जर जिला अध्यक्ष ग्रामीण, रूस्तम गुर्जर, मकरंद बौद्ध, पुष्पेन्द्र मौर्य, वीके गुर्जर, मनोज गुर्जर, धर्मेन्द्र गुर्जर, साहब सिंह गुर्जर ओहदपुर को नामजद कर करीब सात सैकड़ा अज्ञात पके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 353 शासकीय कार्य में बाधा, 147, 148 बलवा, 341 अवरोध पैदा करना, 332 शासकीय कर्मचारियों से मारपीट करना, , 186 शासकीय कर्मचारियों के काम में अवरोध पैदा करना, 427 तोडफ़ोड़ करना और सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
संपादक
Rajesh Jaiswal
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