8 साल की बच्ची ने बनाई 108 गणेश की प्रतिमाएं, प्रतिमा बेहद छोटी और आर्कषित

Sep 19 2023

ग्वालियर। देश भर में मंगलवार को गणेश चतुर्थी की धूम थी, इस मौके पर घर-घर में भगवान गणेश विराजे हैं। आराधना के इस खास पर्व पर जहां एक ओर बडी(बड़ी)-बड़ी गणेश प्रतिमाओं को बड़े पंडालों, गली, मोहल्लों के साथ सोसायटियों में सजाया जा रहा है वहीं शहर की 8 साल की भूमिजा ने 108 गणेश प्रतिमाएं बनाकर समाज को सेव नेचर सेव वाटर का संदेश दे रही है।
विनय नगर इलाके में रहने वाली 8 साल की बेटी भूमिजा जो महज थर्ड क्लास की छात्रा है। भूमिजा के हाथ में जो हुनर है उसे देखकर बड़े-बड़े भी दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। 8 साल की भूमिजा ने साधारण मिट्टी से 108 गणेश प्रतिमाएं बनाई है, जो बेहद ही छोटी और आकर्षित है। जो भी इन प्रतिमाओं को देखता है वह उसकी तारीफ किए बिना नहीं रहता है।
गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश में गहरी आस्था दर्शाती हुए यह प्रतिमाएं बनाई है। यह इतनी छोटी है कि एक अंगूठे पर भी आसानी से आ जाती हैं और इन्हें किसी भी गमले, एक कटोरी या एक छोटी सी चम्मच भरे पानी में भी विसर्जित किया जा सकता है। ऐसे में जहां शहर में पानी की कमी है वहां छोटी सी बच्ची का यह प्रयोग काफी सराहनीय है।
भूमिजा का कहना है कि आज वाटर बॉडीज बहुत कम बची है, बड़ी प्रतिमाएं पानी को प्रदूषित करती है, लेकिन ये छोटी छोटी प्रतिमाएं आस्था, परम्परा को बरकरार रखते हुए आसानी से घर में ही बहुत कम पानी में विसर्जित हो जाती है।
शहर की नन्ही बेटी भूमिजा के द्वारा बनाई गई यह गणेश प्रतिमाएं 5 मिमी तक छोटी है। ऐसे में बारीकी से देखने पर ही गणेश भगवान की आकृति नजर आती हैं। नन्ही बच्ची के हाथों में कमाल का हुनर है, उनके मन में छोटी सी उम्र में प्रकृति और जल संरक्षण की सोच जब आसपास पड़ोसियों को पता चली तो वह भी इस मुहिम में शामिल हो गए और इस गणेश चतुर्थी के मौके पर उनकी हाथों से बनाए हुई गणपति भगवान की प्रतिमा को अपने घर में विराजमान कर रहे हैं। वहीं नन्ही सी बेटी के जज्बे को सलाम कर रहे हैं।
जब भूमिका के परिवार ने देखा कि उनकी बेटी मिट्टी से छोटी-छोटी आकृतियां बना रही और वो भी इतनी सुंदर तो बस यहीं से परिजनों ने उसे प्रोत्साहन देना शुरू किया। कुछ ही समय में भूमिका ने इस गणेश चतुर्थी उत्सव पर ढेर सारी छोटी-छोटी 108 गणेश प्रतिमाए बना डाली और सभी को इसके माध्यम से सेव नेचर सेव वाटर का संदेश देने का भी प्रयास किया है।
गौरतलब है कि सेव नेचर सेव वाटर के बड़े संदेश को सफल बनाने में आज देश दुनिया लगी हुई है, भूमिजा के इस प्रयास से इस कोशिश को मुहिम में बदल दिया है। यही वजह है कि छोटी सी उम्र में समाज को बड़ा संदेश देने वाली इस कोशिश को सभी सलाम कर रहे हैं।