कोरोना से दो बार टलने के बाद 66 सेंटर पर हुई एमपी-पीएससी परीक्षा

Jul 25 2021

ग्वालियर। रविवार को एमपी-पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा शुरू हो गई है। पहले यह परीक्षा 11 अप्रैल को होनी थी, लेकिन कोविड के चलते इसे आगे बढ़ाकर 19 मई किया गया, लेकिन उस समय भी कोविड संक्रमण फैला हुआ था। अब जाकर 25 जुलाई को यह एग्जाम हो रहा है। रविवार को उन छात्रों को ही सेंटर में प्रवेश दिया गया जो मास्क पहने हुए थे।
कई छात्र मास्क की जगह रूमाल लगाए थे, उनको बाहर से ही वापस लौटा दिया। जब वह पास की दुकान से मास्क पहनकर लौटे तो प्रवेश दिया गया। इसके बाद भी क्लास रूम में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जिनका तापमान मानक से अधिक रहा उनको कुछ देर बाहर बैठना पड़ा। वापस चेक कर अंदर प्रवेश दिया गया। साथ ही हाथ में ब्रेसलेट, गले में लॉकेट, कान में स्टाइलिस बाले तक बाहर उतरवा लिए गए हैं।
ग्वालियर में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर के माध्यम से राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा परीक्षा 2020 पूरे 66 परीक्षा केन्द्रों पर हुई। यह परीक्षा दो सेशन में हुई। पहला सेशन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक, जबकि दूसरा सेशन दोपहर 2.15 बजे से शाम 4.15 बजे तक रहा।
कोविड संक्रमित छात्रों के लिए 3 सेंटर बनाए
कोविड के बीच एमपी-पीएससी की परीक्षा हो रही है। ऐसे में यह भी ध्यान रखना है कि कोई संक्रमित छात्र परीक्षा देने से न छूट जाए। ग्वालियर में अभी 11 एक्टिव केस हैं। कोविड से पीडि़त परीक्षार्थियों के लिए जिले में 3 सेंटर बनाए गए हैं। यह सेंटर साइंस कॉलेज झांसीरोड, कन्या पदमा विद्यालय कंपू, शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय थाटीपुर काल्पीब्रिज में बनाए गए हैं। पर रविवार को एक भी परीक्षार्थी संक्रमित परीक्षा देने नहीं आया।
दो बार टलने के बाद हो रही है परीक्षा
एमपी-पीएससी की यह प्रारंभिक परीक्षा का समय 11 अप्रैल 2021 था, लेकिन उस समय कोविड संक्रमण अपने चरम पर था। इसलिए इसे आगे बढ़ाकर 19 मई को करने का निर्णय लिया गया, लेकिन 19 मई को भी संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा था। पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ था। इसलिए परीक्षा को 25 जुलाई को कराने का निर्णय लिया गया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
एमपी-पीएससी की परीक्षा के लिए पुलिस ने भी काफी इंतजाम किए थे। हर सेंटर पर पुलिस फोर्स मौजूद रहा। पुलिस ने हर आने जाने पर वाले पर नजर रखी। परीक्षा सेंटर के आसपास बिना कारण लोगों को खड़ा नहीं होने दिया गया।