मित्र हो तो कृष्ण और सुदामा जैसा -पं. घनश्याम शास्त्री जी

Mar 21 2021

साईं मंदिर पंजाबी मोहल्ला जनकगंज में चल रही इन दिनों सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन सुप्रसिद्ध कथा व्यास घनश्याम शास्त्री की ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि सातवें दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए भागवताचार्य पंडित श्री घनश्याम शास्त्री जी ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं । उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी प|ी के आग्रह पर अपने मित्र से सखा सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। हमारे साईं बाबा मंदिर की तरफ से पंजाबी मोहल्ला में चल रही सात दिवसीय कथा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। कथा व्यास घनश्याम शास्त्री जी ने कहा कि जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है इस अवसर पर मंदिर पुजारी दीपक पंडित जी, राज अरोरा जी,हिमांशु खत्री जी, महिंद्रा अरोरा जी, शैलेन्द्र शर्मा जी, एवम् पंजाबी मोहल्ला के सभी भक्त ने आरती की